Dilawar Singh

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गाँव - लेखनी प्रतियोगिता -30-Dec-2023

गाँव 

गाँव की मिट्टी की वो खुशबू सोंधी- सोंधी 
चारों ओर फैली हरियाली 
खेत खलिहान और बैलों की जोड़ी

दादा दादी और नाना नानी का दुलार 
खुली हवा और शुद्ध बयार 
छुट्टियों में होता ये सपना साकार

मनुष्यों के घर खपरैल के बनते 
पशुओं के लिए बाड़े बनते 
मुर्गियों के लिए बनते दड़बे

चूल्हे के अंगीरों पर सकती हुई रोटियां 
मां की दाल में तैरती आटे की गोटियां  
सरसों का साग और मक्की की रोटियां

गाय के गोबर से होती- आंगन की लिपाई 
पूरा परिवार संग भोजन करता-बैठ एक चटाई 
हिलमिल सब काज करते -मां बापू बहन भाई 

प्यार भरे पल कभी ना खोते 
सुख में सब संग होते 
दुख में सब संग रोते 

सदा सरल सात्विक जीवन था भाई
 मेहनतकश इंसानों का क्या बिगाडे महंगाई 
चारों ओर प्यार प्रेम भाईचारे की सृष्टि नजर आई

याद बहुत आती है गाँव की पगडंडिया 
दौड़, गुल्ली-डंडा, कांच की गोलियां
 अपनों का साथ, प्यार भरी बोलियां

🙏🙏🙏🙏🙏
दिलावर सिंह 
# प्रतियोगिता हेतु

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3 Comments

Rupesh Kumar

07-Jan-2024 09:35 PM

Nice

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नंदिता राय

06-Jan-2024 11:51 AM

Nice one

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Gunjan Kamal

31-Dec-2023 11:04 AM

बहुत खूब

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